सामाजिक भवन के निर्माण हेतु जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री मिथलेश निरोटी द्वारा 07 लाख रुपये की राशि स्वीकृत करने पर समाज के लोगों ने की सराहना
बालोद, 28 अक्टूबर 2024
जिले के डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कुसुमकसा में नवनिर्मित गोण्डवाना सांस्कृतिक भवन का लोकार्पण रविवार 27 अक्टूबर को ग्राम कुसुमकसा में आयोजित सामाजिक समारोह के अवसर पर किया गया। इस नवनिर्मित भवन का लोकार्पण गोंड़ी धर्माचार्य के द्वारा परंपरागत गोंड़ीयन रीति-रिवाज से किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री मिथलेश निरोटी सहित गोंडवाना समाज के संभागीय संरक्षक श्री मोहन हिड़को, संभागीय कोषाध्यक्ष श्री तुलसी राम मरकाम, अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष एवं जनसपंर्क अधिकारी श्री चंद्रेश ठाकुर, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री डीडी मण्डले, थाना प्रभारी डौण्डी श्री शेंडे सहित अन्य अतिथिगण उपस्थित थे। इस अवसर पर समाज प्रमुख, अतिथियों एवं वक्ताओं के साथ-साथ समाज के लोगों ने इस नवनिर्मित गोण्डवाना सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु जिला विकास निधि से 07 लाख रुपये की राशि स्वीकृत कर इस भवन हेतु सहयोग प्रदान करने के लिए जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री मिथलेश निरोटी को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके प्रति विनम्र आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री मिथलेश निरोटी ने नवनिर्मित भवन के लोकार्पण होने पर समाज के लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने समाज के लोगों को संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष करने को कहा। इस अवसर पर गोण्डवाना समाज के संभागीय कोषाध्यक्ष श्री तुलसीराम मरकाम ने समाज के लोगों को उनके संविधान प्रदत्त अधिकारों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष श्री चंद्रेश ठाकुर ने समाज के लोगों को गोण्डवाना समाज के गौरवशाली इतिहास एवं विरासत के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में सर्वाधिक समय 750 साल तक शासन करने का कीर्तिमान गढ़ा मण्डला के गोण्डवाना शासकों के नाम पर दर्ज है। उन्होंने शिक्षा को समाज के विकास के लिए सबसे बड़ा अस्त्र एवं नशापान को समाज के पतन का मुख्य कारण बताया है। कार्यक्रम को जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री डीडी मण्डले, थाना प्रभारी डौण्डी सहित अन्य अतिथियों ने भी संबोधित करते हुए आदिवासी समाज के विशेषताओं एवं महत्व के संबंध में जानकारी दी।
समाचार
संरक्षण एवं संस्कार भूमि है छात्रावासः श्री चन्द्रेश ठाकुर
शासकीय पोष्ट मैट्रीक आदिवासी बालक छात्रावास महेश नगर राजनांदगांव में नव प्रवेशित छात्रों का किया गया स्वागत
राजनांदगांव, 28 अक्टूबर 2024
शासकीय पोष्ट मैट्रीक आदिवासी बालक छात्रावास महेश नगर राजनांदगांव के पूर्व अध्यक्ष एवं जनसंपर्क अधिकारी जिला बालोद श्री चन्द्रेश ठाकुर ने कहा कि छात्रावास समाज के कमजोर एवं वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संरक्षण स्थलीय एवं संस्कार भूमि है। जहाँ पर जीवन की बुनियादी तहजीब सिखलाई जाती है। उन्होंने कहा कि छात्रावास में निवास करने वाले विद्यार्थी दुनिया के किसी भी स्थान पर सफलतापूर्वक अपना जीवन-यापन कर सकता है। श्री ठाकुर रविवार 27 अक्टूबर को शासकीय पोष्ट मैट्रीक आदिवासी बालक छात्रावास महेश नगर राजनांदगांव आयोजित सत्र 2024-24 के नव प्रवेशित छात्रों के स्वागत समारोह के अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त कर रहे थे। वे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता छात्रावास के पूर्व विद्यार्थी एवं सहायक खाद्य अधिकारी श्री धरमू किरंगे ने किया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में छात्रावास के भूतपूर्व विद्यार्थी श्री दिनेश रावटे, श्री रायसिंह कोटपरिया, श्री अविनाश तुलावी, श्री नंदकिशोर धुर्वे, देवेन्द्र उइके, कमलेश मतलामे, भूतपूर्व अध्यक्ष श्री रोहित घराना, श्री बिट्टू कोमरे सहित छात्रावास के अध्यक्ष श्री कैरल्स कोठारी, उपाध्यक्ष गोपाल धूर्वे, सचिव सुभाष सोरी, सहसचिव प्रफुल्ल मण्डावी, सलाहकार हर्षदीप, कोमल कोरेटी, अजय घावडे नितेश दुग्गा सहित बड़ी संख्या में वर्तमान एवं भूतपूर्व विद्यार्थीगण उपस्थित थे। इस अवसर पर अतिथियों एवं छात्रावासी विद्यार्थियों के द्वारा स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री चन्द्रेश ठाकुर ने कहा कि यदि छात्रावास की व्यवस्था नही होती तो हमारे जैसे अनेक विद्यार्थी शहरों में रहकर उच्च शिक्षा अर्जित करने से वंचित रह जाते। इस अवसर पर उन्होेंने विद्यार्थी जीवन को त्याग और तपस्या का समय बताते हुए विद्यार्थियों को त्याग, धैर्य एवं संयम के साथ कठिन परिश्रम करते हुए जीवन में ऊँचा लक्ष्य हासिल कर अपने माता-पिता, परिवार एवं संस्थान का नाम रोशन करने को कहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री धरमू किरंगे ने विद्यार्थी जीवन को व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कालखण्ड बताते हुए विद्यार्थियों को इनका सदुपयोग करने को कहा। इस अवसर पर श्री दिनेश रावटे, श्री रायसिंह कोटपरिया एवं अन्य भूतपूर्व विद्यार्थियों ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छात्रावास के गौरवशाली परंपरा को अक्ष्क्षुण बनाए रखने की अपील की। उन्होंने विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत कर अपने सपनों को साकार करने की समझाईश भी दी।