बाबा साहेब यू आर रियली ग्रेट – कन्हैयालाल खोब्रागढ़े

आजकल अम्बेडकर… अम्बेडकर… अम्बेडकर… कहने का फैशन शुरू हो गया है…

लोकसभा के दोनों सदनों में सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन की सरकार ने संविधान

पर चर्चा का आयोजन करके शुरूआत तो अच्छी की थी लेकिन इस चर्चा से

देशवासियों को संविधान से लाभ-हानि की जानकारी तो नहीं मिली अलबत्ता

बीजेपी कांग्रेस को एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने का अच्छा मौका मिल गया।

वरिष्ठ समाजसेवी एवं अनेक आम्बेडकरी संस्थाओं से जुड़े वयोवृध कन्हैयालाल

खोब्रागढ़े ने कहा कि भाजपा ने संविधान चर्चा की आड़ में कांग्रेस से

लेकर नेहरू- इंदिरा गांधी- मनमोहन सिंह की खुलकर बखिया उधेड़ी वहीं

कांग्रेस ने संविधान को कांग्रेस की देन बताकर वाहवाही लूटने का भरसक

प्रयास किया।

देश को चलाने वाले तत्कालीन नेताओं ने संविधान में हिन्दू कोड बिल को

शामिल करने की बात पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के

आश्वासन के बाद भी संसद में हिन्दू कोड बिल को लटकाए रखा लेकिन

हिन्दूवादी संगठनों न सिर्फ हिन्दू कोड बिल का विरोध किया अपितु

शंकराचार्यों से लेकर कट्टर हिन्दू संगठनों, जिसमें आरएसएस भी शामिल था

खुलेआम विरोध किया।

आज भारत की हर राजनैतिक पार्टियां संविधान को लेकर संविधान और बाबा साहब

आम्बेडकर का जय गान करने बाजी मारने में लगे हुए हैं। आरएसएस और हिन्दू

संगठनों ने उस समय संविधान को भारतीय संस्कृति एवं मनुस्मृति के अनुकूल न

होने की बात करके संविधान का विरोध किया था।

इन कट्टर दक्षिणपंथी विरोधियों ने बाबा साहेब आम्बेडकर के साथ बन आयी थी।

जिन लोगों ने उस समय संविधान बनने पर जितना कड़ा विरोध, तोड़-फोड़ आगजनी

की उसी विचार वाले लोग आज संविधान की तारीफों में कसीदें काढ़ रहे हैं।

संसद में संविधान पर चर्चा न कर देश के सबसे महत्वपूर्ण आसीन सम्मानीय

गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में संविधान पर चर्चा करते हुए जो अनावश्यक

बात कही उससे संविधानप्रेमियों और आम्बेडकर अनुयायियों के मन को गहरी चोट

पहुंचाई।

उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने कहा आजकल अम्बेडकर… अम्बेडकर…

अम्बेडकर… कहने का फैशन शुरू हो गया है। यदि इतने ही बार भगवान का नाम

लिया जाता तो लोग सात जन्मों तक स्वर्ग का सुख पाते। खोब्रागढ़े ने कहा

भगवान का नाम लेने से कोई स्वर्ग जाता है कि नहीं यह तो गृहमंत्री अमित

शाह ही जाने लेकिन जिन्होनें इमानदारी के साथ डॉ. आम्बेडकर को बाबा साहब

कह कर पूजा और उनके रास्ते पर चले ऐसे करोड़ों लोग स्वर्ग से ज्यादा सुख

भोग रहे हैं।

बाबा साहब के एक ही गुरूमंत्र शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो ने

भारत के कोटी कोटी दलितों का भाग्य बदल दिया। आज भारत में अस्पृश्य शोषित

पीडि़त दलित बाबा साहेब के बताए मार्ग पर चलकर तथा मुक्त कंठ से उनका नाम

लेकर अपने जीवन स्वर्ग से ज्यादा सुखी बना रहे हैं।

हमारे नेता शायद संतों की वाणी को याद नहीं रखते। हमारे संतों ने सावधान

करते हुए कहा है कि ‘पाहन पूजे हरि मिलें, तो मैं पूजू पहार। ताते ये

चाकी भली, पीस खाय संसार।’ भगवान की माला तो शंबूक शुद्र भी जप रहा था

उसे क्या मिला, निर्दोष होने पर मौत।

कन्हैयालाल खोब्रागढ़े ने कहा कि आज भी भारत में कुछ ताकतें संविधान को

हटाकर मनुस्मृति का शासन लाने का स्वप्न देख रहे हैं। मनुस्मृति के कारण

ही देश में जातीय आत्याचार और धार्मिक उन्माद बढ़ा है, यदि ऐसा नहीं होता

तो दुनिया के सबसे ज्यादा पुस्तकप्रेमी डॉ. बाबा साहाब आम्बेडकर को

मनुस्मृति नहीं जलानी पड़ती?

आज बाबा साहब को जकडऩे-पकडऩे की होड़ लगी है। हर कोई बाबा के चरणों पर

सिर रगडऩा चाह रहे हैं ऐसा तो होना ही था इस देश में अनेक साधु संत

महात्मा और बाबा हुए लेकिन डॉ. आम्बेडकर करोड़ों लोगों के लिए बाबा भी

हैं और साहब भी हैं इसलिए उनके चाहने वाले उन्हें बड़ी श्रद्धा से बाबा

साहाब कहते हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles