राजनांदगांव। किसान नेता श्री निर्भयराम श्रीवास जी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि खरीफ सीजन में बोए गये सोयाबीन की कटाई पुरी होकर हरूना धान की कटाई जोरो पर है और सोसायटी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल में है जबकि किसान प्रशासन के आदेशानुसार रबी फसल में धान नहीं बोये जाने के आदेश से पशोपेश में है जबकि रबी सीजन के लिये किसानों के पास मुट्ठी भर भी खाद-बीज नहीं है।
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व जिला मंत्री श्री श्रीवास ने आगे कहा कि शासन प्रशासन ने घटते भू-जल स्तर को देखते हुए फसल चक्र अपनाने पर जोर दे रही है जो कि उचित प्रतीत होता है किंतु अधिकारियों के निस्कियता के चलते अगर समय पर किसानों को खाद-बीज उपलब्ध नहीं होगा तो फसल चक्र अपनाने की मंशा मात्र कागजों तक ही सिमट जायेगी जबकि कृषि कार्य में नित नये प्रयोग करते हुयें पर्यावरण को संतुलित रखते हुये किसानों की लागत कम…. मुनाफा ज्यादा की मंशा लेकर मोदी जी और सायजी की सरकारें आगें बढ़ रहीं है।
श्री श्रीवास ने आगे कहा कि सोसायटी कर्मचारीयों के ज्याज मांगों पर शासन-प्रशासन को आवश्यक रूप से ध्यान देना चाहिए जिसमें कि उन लोगों के द्वारा सुखत की मांग के साथ वे अनिश्चितकालीन हड़ताल में है वो वास्तव में जायज प्रतीत होता है क्योंकि मैं लगातार 25-30 वर्षों से कृषकों के बीच से प्रतिनिधित्व करते आ रहा हूँ जिसके आधार पर कह सकता हूँ कि सोसायटी कर्मचारियों के द्वारा सुखत कि जो मांग है वह जायज है, और आज किसानों को रबी सीजन के लिए जो भटकना पढ़ रहा है उसका एक कारण यह भी है कि सोसायटी में तालाबंदी है?
श्री श्रीवास ने आगे सुझाव दिया कि धान खरीदी केंद्रों के आसपास जितने भी राइस मिलें है वहां पर डायरेक्ट किसानों से उनके रकबा अनुसार टोकन जारी करवाकर खरीदी किया जा सकता है, उनके बफर लिमिट के बाद के धान को संग्रहण केंदों में निर्धारित समय में पहुंचाये जाने से सुरक्षा व्यय ट्रांसपोर्टिंग व्यय एवं सुखत सड़न से भी बचाया जा सकता है।