खैरागढ़ छुईखदान गंडई:
छत्तीसगढ़ में ट्रैक हुआ जीपीएस लगा प्रवासी पक्षी व्हिंब्रेल। छत्तीसगढ़ के जलाशय में पहली बार GSM-GPS लगे प्रवासी पक्षी व्हिंब्रेल (whimbrel) को देखा गया है। यह मूलत: उत्तरी अमेरिका और उत्तरी यूरोप का पक्षी है। उसके टैग से पता चलता है कि यह प्रवासी पक्षी पूर्वी अफ्रीका के मेडागास्कर के पास स्थित एक द्वीप से आया है।
श्रीमान वनमंडलाधिकारी- खैरागढ़ के निर्देशन में इस पक्षी को खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला क सीमावर्ती क्षेत्र, जिला बेमेतरा के बेरला ब्लाक अंतर्गत, गिधवा परसदा वेटलैंड समीप, मोहभट्टा ग्राम की जलाशय मे प्रकृति पर्यावरण प्रेमी, बर्ड वाचर BFO योगेश कोर्राम, BFO उर्वशी कोर्राम ने इस पक्षी को रिकॉर्ड किया और उसकी तस्वीरें लीं।
यह पक्षी कई महासागर और महाद्वीप को पार करने में माहिर है। उत्तरी गोलार्ध से 4,000 से 6,000 किलोमीटर तक उड़ना व्हिम्ब्रेल के लिए आम बात है। 40-46 से.मी. साइज का यह व्हिंब्रेल पक्षी घुमावदार चोंच और धारीदार सिर के साथ आसानी से शिकार कर लेता है। पानी के आसपास पाए जाने वाले सभी कीड़े मकोड़े इसका आहार होते हैं। इसके प्रवास और पसंदीदा क्षेत्र को सैटेलाइट टैगिंग की मदद से पड़ताल किया जा रहा है। छत्तीसगढ में प्रवासी पक्षियों के अध्ययन में जीपीएस टैगिंग वाला व्हिम्ब्रेल पक्षी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है:
छत्तीसगढ़ में प्रवासी पक्षियों के अध्ययन में यह एक महत्वपूर्ण कड़ी निभाएगा, क्योंकि पहली बार जीपीएस लगे पक्षी को ट्रैक किया गया है। प्रवासी पक्षियों के आने जाने के रास्ते में छत्तीसगढ़ महत्वपूर्ण स्थान रखता है। व्हिंब्रेल का मिलना इस बात को प्रमाणित करता है। सैटेलाइट के माध्यम से इस पक्षी का अध्ययन जारी हैं। यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि यह पक्षी प्रजनन के लिए कहां जाता है। उम्मीद कि यह फिर से छत्तीसगढ़ वापस आएगा। छत्तीसगढ़ को प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित स्थल बनाया जा सकता है। इसके लिए जल निकायों को संरक्षित रखने की आवश्यकता है।
जीपीएस टैग लगी यूरेशियन व्हिम्ब्रेल AM बेरला-बेमेतरा से लगभग 487 किलोमीटर की सीधी उड़ान उड़कर सुरक्षित ओडिशा लैड कर गई है।