नगर निगम परिसर में स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी प्रतिमा की हो रही उपेक्षा
राजनांदगांव, / नगर निगम परिसर में स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी प्रतिमा की पूजा अर्चना व रखरखाव को लेकर की जा रही उपेक्षा की ओर निगम का ध्यान आकर्षित करते हुए साहित्य समिति नेआयुक्त को ज्ञापन सौंपा है। छत्तीसगढ़ साहित्य समिति के जिला अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक-आत्माराम कोशा “अमात्य” व शिवनाथ धारा साहित्य परिषद के विरेन्द्र तिवारी “वीरु” सहित , पवन यादव ” पहुना” ,रौशन साहू आदि कवि / साहित्यकारों द्वारा आयुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि गत सितंबर माह में नगर निगम परिसर में स्थापित व नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ, शिव कुमार डेहरिया द्वारा अनावरित छत्तीसगढ़ महतारी प्रतिमा की स्थापना काल से न उसकी पूजा अर्चना की जा रही है और न उक्त प्रतिमा के सामने एक अगरबत्ती ही जलाया जा रहा है । यहां तक कि उसके स्थापना काल से अब तक छत्तीसगढ़ महतारी प्रतिमा पर हाथ फूल भी नहीं चढ़ाया गया है। पुराने सूखे हुए हार फूल अभी भी वहां लटके हुए हैं।
कहा गया है कि नगर निगम में इतनेअधिकारी कर्मचारी होने के बावजूद यहां छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के दिन भी पर इसे बिसार दिया गया। इससे छत्तीसगढ़ियों की भावनाओं को ठेस पहुंच रही हैं। साहित्य समिति के अध्यक्ष श्री कोशा ने कहा कि चाहे भारत माता की प्रतिमा हो या छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा, यह सभी हमारी पूज्यनीय मातृशक्ति व छत्तीसगढ़ी नारी शक्ति का गरिमामई प्रतीक है जो प्रत्येक छत्तीसगढ़िया के स्वाभिमान को जगाने वाला है। इसके सम्मान में राज्य शासन द्वारा राज्य गीत गान का निर्धारण किया गया है। जिसे पूरी गरिमा व सम्मान के साथ गाया जाता है।ऐसे पूज्यनीय मातृशक्ति का प्रतीक छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को शोभा या प्रदर्शन की वस्तु समझी जाने व इसकी हो रही उपेक्षा से क्षुब्ध होकर छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति – जिला ईकाई ने आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर उसकी नित्य प्रति पूजा अर्चना किए जाने सहित उसके उचित रखरखाव की मांग की है साथ ही, उक्त प्रतिमा के सामने छत्तीसगढ़ का राज्य गीत अरपा पैरी के धार,, के गान की मांग की है।