राजनांदगाँव/ संस्कारधानी के गणेशात्सव में झांकी में अपनी पहचान बना चुकी संस्कारधानी में अपने आकर्षक, भव्य चालित व लोक संस्कृति व धार्मिक प्रंसगों,देशभक्ति के जारिये एक से एक बढक़र झांकी का निर्माण करने वाली संस्था तिरंगा मण्डल अशोक स्तम्भ चौक कमल टॉकीज की झांकी इस बार भी ६० फीट की विशाल व आकर्षक ढंग से लोक संस्कृति व धार्मिक प्रसंगों का समावेश बनाई गई है । संस्कारधानी में विराजित विश्व प्रसिद्ध माँ पाताल भैरवी भगवान राम सहित शिवशंकर श्री हनुमान अहिरावण युद्ध का चलायमान दृश्य झांकी में लोग देखेंगे ।
संस्था के झांकी प्रभारी व संयोजक जीतेश सिमनकर, झानेश्वर मेश्राम तिरंगा मंडल केअध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि पिछले १५ वर्षो से लगातार छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी, राजधानी, न्यायधानी, धर्मनगरी में उत्कृष्ट व सर्वश्रेष्ट झांकी का पुरूस्कार प्राप्त कर चुकी तिरंगा मंडल द्वारा निर्मित झांकी जनसामान्य के लिये आकर्षण का केन्द्र रहती है । प्रतिवर्ष गणेश प्रसाद शर्मा, गन्नु गुरूजी, के परिचालक व निर्देशन में नयें विषय व सबसे हटकर जनप्रिय झांकी का निर्माण किया जाता है । इसवर्ष भी संस्था द्वारा भव्य आकर्षक व नयनाभिराम चलित झांकी का निर्माण लोक संस्कृति व धार्मिक प्रसंगों का समावेश करते हुए बनाया जा रहा है जिसमें काली स्वरूपनी माँ पाताल भैरवी की हूबहू व आकर्षण व विशाल प्रतिमा आर्च के सामने होगी, इसके सामने भगवान भोलेनाथ नृत्य मुद्रा में हनुमान जी राम, लक्ष्मण का कंधे में बैठाकर पाताल लोक से वापस लाते दिखेंगे । माता के सामने छत्तीसगढ़ के भांचा राम व लक्ष्मण जोत-ज्वारा बोए दिखाई देंगे । वही झांंकी के सामने हिस्से में विशालकाय में अहिरावण और हनुमान जी के मध्य युद्ध का चलायमान दृश्य होगा, अहिरावण द्वारा राम-लक्ष्मण को पाताल लोक लाने व हनुुमान द्वारा अहिरावण का वध करने माँ पाताल भैरवी द्वारा बताये श्री शंकर जी की पंचभूत आरती करते हनुमान जी दिखायी देंगे ।
झांकी के सामने गरुड़जी, विष्णुजी, लक्ष्मणजी, के साथ ही वनराज जामवंत व अंगद की चलित प्रतिमायें लोगों को आकर्षित करेंगी । झांकी का आर्च भव्य रंग-बिरंगे रोशनी से सरोबर व आकर्षक है ।वही प्लेट फार्म में छत्तीसगढ़ की प्रमुख देवियों के दर्शन लोगों को होंगे । पूरी झांकी भव्य आकर्षण व संगीत प्रधान होने के साथ ही चलायमान होगी,जो कि सभी को पंसद आयेगी व आकषर्ण का केन्द्र होगी ।
झांकी का निर्माण गणेश प्रसाद शर्मा, गन्नु गुरूजी, के मार्गदश्रन, में किया गया है, मूर्तिकार देवा रंगारी मोतीपुर, अशेाक यादव, साज-सज्जा, विक्की पेन्टर, स्टेशनपारा, मूविंग-श्याम दुग, विक्की भांचा, मूर्ति सजावट, राजा बसंतपुर, चिकु मठपारा लाईट भड्डू लाईट, मठपारा, व अन्य सहयोगी – दिनेश खार्पडे, राजेश बाघमारे,विष्णु सिन्हा भैय्यू झाबक, नीलम मेश्राम, विकास गुप्ता, नन्दा गौरी सहारे,किशन रजक आदि झांकी निर्माण में सहयोग कर रहे है ।