राजनांदगाँव। छात्र नेता आशीष सोरी नें कॉलेज प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए केंटीन को बंद किये जाने की वज़ह से विद्यार्थियों और प्राध्यापकों को लगातार हो रही असुविधा के लिये अपना रोष प्रकट किया। उन्होंने बताया कि, स्थानीय दिग्विजय महाविद्यालय में बीते शुक्रवार को कॉलेज प्रशासन के तुगलकी फरमान के चलते कॉलेज परिसर में स्थित कैंटीन को अचानक से बँद कर दिया गया था। तीन दिन बाद जब इसे खोला भी गया तो कैंटीन में अव्यवस्था का आलम देखने लायक था। कैंटीन से कुर्सियाँ नदारद मिली, खानापूर्ति के लिये सिर्फ मेज को रख दिया गया। अब भला कुर्सी के बिना विद्यार्थी बैठें भी तो कहाँ बैठें। मरता क्या न करता, मज़बूरन जो भूख से तड़प रहे थे, उन्हें खड़े होकर ही अपनी क्षुधा शांत करनी पड़ी। बैठनें की सुविधा न होने और अव्यवस्था का आलम होने के कारण कई विद्यार्थियों को तो उल्टे पैर ही वापस होना पड़ा, वहीं कई विद्यार्थी नाश्ते और चाय के लिये यत्र तत्र भटकते भी देखें गये। केवल विद्यार्थी ही नही प्राध्यापक को भी अव्यवस्था का शिकार होना पड़ा, प्राध्यापकों को भी बैठने के लिये कुर्सियाँ नसीब नही हुई। ग़ौरतलब हो कि, केंटीन में केवल वे विद्यार्थी ही नही आते जिन्हे केंटीन में बनी खाद्य सामग्रीयों का ही सेवन करना हो, कई विद्यार्थी ऐसे भी होते जो अपने घरों से टिफिन लेकर आते हैं, और कॉलेज में कहीं बैठकर खाने की सुविधा न होने के कारण, केंटीन में ही बैठकर खाते हैं। कॉलेज प्रशासन के तुगलकी फरमान के बाद फैली अव्यवस्था से जहाँ कई विद्यार्थी निराश भी हुए तो वहीं कई विद्यार्थियों में रोष भी देखने को मिला। ज्ञातव्य हो कि, कॉलेज प्रशासन नें बीते 4 दिन पहले एक सूचना चस्पा की थी, जिसमें शुक्रवार से रविवार तक कैंटीन को बंद करने का आदेश प्राचार्य द्वारा जारी किया गया था, जिसके कारण ही अव्यवस्था का यह आलम पैदा हुआ।