दिन भर रहा पूजा -भक्ति का माहौल राजनांदगांव / शहर से 10 कि,भी, की दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित गठुला भेड़ीकला गांव के नजदीक ग्राम भांठा गांव में धरती फोड़ प्रकट हुए स्वयं भू भगवान शिव लिंगेश्वर का नागपंचमी के दिन दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ रही। नागपंचमी के पवित्र दिन बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान शिव लिंगेश्वर में लिपटे शिशु नाग देवता के दर्शन कर कृत्य- कृत्य हुए। भक्तजनों का यहां सुबह से नाग देवता व भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने तांता रहा। बता दें कि भगवान शिव लिंगेश्वर में प्रायः नाग का जोड़ा लिपटे रहते हैं। इस बार सुबह से ही भक्तो द्वारा भगवान शिव लिंगेश्वर की जलाभिषेक दुग्धाभिषेक रूद्राभिषेक आदि सहित बेलपत्र, धतुरा आक के फूल कनेर पुष्प आदि चढ़ाने व नारियल अगरबत्ती के साथ हूम -धूप देकर भोलेनाथ जी पूजन के लिए उमड़ी भीड़ के चलते नाग जोड़े सामने नहीं आए, लेकिन उनका शिशु नाग दिन भर भगवान स्वयं भू शिव लिंगेश्वर में लिपटे रहा । जिसके प्रत्यक्ष दर्शी शहर के कई श्रद्धालु रहे। शहर के मुक्तागिरी कालोनी, जलाराम स्वीट्स,खैरागढ़ डोंगरगढ़ दुर्ग -भिलाई, रायपुर आदि के भक्त जन भी भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने वालों में शामिल रहे।जय शीतला मां भजन मंडली -तुमडी़लेवा व कन्हारपुरी के भक्त जन बाबा शिव लिंगेश्वर के दरबार में बाबा भोलेनाथ के भजनों की प्रस्तुति देकर माहौल को शिवोमय बनाया। मंदिर के पुजारी विजेंद्र स्वामी ने बताया कि इस बार सावन माह दो बार होने की वजह से भगवान स्वयं भू शिव लिंगेश्वर का दर्शन करने रोजाना भक्तों की उपस्थिति बनी रहती है।खास कर सावन सोमवार के दिन सुबह से लेकर देर शाम तक भक्त जन भगवान शिव लिंगेश्वर की पूजा में रत रहते हैं। भगवान शिव की पंचोपचार पूजा सहित महामृत्युंजय मंत्र जाप, शिव स्त्रोत, शिव चालीसा का पाठ अनवरत जारी रहता है।नाग पंचमी के दिन भगवान स्वयं भू शिव लिंगेश्वर का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही । मंदिर समिति के नरोत्तम साहू ने बताया कि भगवान शिव लिंगेश्वर का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रसादी की व्यवस्था की गई थी। उन्होंने बताया कि सावन माह के अंतिम सोमवार को मंदिर में भगवान स्वयं भू शिव लिंगेश्वर का विशेष पूजन -अर्चन का कार्यक्रम रखा गया है। उन्होंने भगवान शिव लिंगेश्वर के दर्शन लाभ के लिए श्रद्धालु -भक्त जनों से उपस्थिति की अपील की है।