जिले के 241 आंगनबाड़ी केन्द्रों के 3413 कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने का लक्ष्य

पूरे जिले में चलेगा पोट्ठ लईका पहल अभियान

– अब तक चिन्हांकित 2136 कुपोषित बच्चे हुए सुपोषित

राजनांदगांव 16 अप्रैल 2025। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के निर्देशानुसार जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए पोट्ठ लईका पहल अभियान अब पूरे राजनांदगांव जिले में चलाया जाएगा। इसके तहत जिला प्रशासन द्वारा जिले के 241 आंगनबाड़ी केन्द्रों को चिन्हांकित करते हुए 3413 कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है। कलेक्टर ने पोट्ठ लईका पहल अभियान  की सफलता को देखते हुए जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोट्ठ लईका पहल अभियान का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए है। उन्होंने जिले के प्रत्येक घर एवं परिवार के बच्चों के पोषण स्तर की नियमित एवं बेहतर पर्यवेक्षण कर सुधार करने के निर्देश दिए हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरप्रीत कौर ने बताया कि जिला प्रशासन एवं विभाग द्वारा जिले के सभी कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे है। इसे लिए अप्रैल माह में यूनिसेफ के सहयोग से प्रशिक्षण का आयोजन भी किया जाएगा। जनसमुदाय में जागरूकता लाने तथा व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रति सप्ताह शुक्रवार को आंगनबाड़ी केन्द्रों में पालक चौपाल का आयोजन किया जा रहा है और निरंतर कुपोषित बच्चों की माता को आवश्यक परामर्श भी दिया जा रहा है। सुपोषित होने वाले बच्चों की माताओं के माध्यम से समुदाय में सही पोषण हेतु जागरूकता लायी गई है। जिसके परिणाम स्वरूप 3413 लक्षित बच्चों में से 2136 कुपोषित बच्चे सुपोषण की श्रेणी में आ चुके है। इस प्रकार पोट्ठ लईका पहल अभियान के माध्यम से 62.58 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त कर ली गई है। के 241 आंगनबाड़ी केन्द्रों के 3413 कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने का लक्ष्य

– अब तक चिन्हांकित 2136 कुपोषित बच्चे हुए सुपोषित

राजनांदगांव 16 अप्रैल 2025। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के निर्देशानुसार जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए पोट्ठ लईका पहल अभियान अब पूरे राजनांदगांव जिले में चलाया जाएगा। इसके तहत जिला प्रशासन द्वारा जिले के 241 आंगनबाड़ी केन्द्रों को चिन्हांकित करते हुए 3413 कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है। कलेक्टर ने पोट्ठ लईका पहल अभियान की सफलता को देखते हुए जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोट्ठ लईका पहल अभियान का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए है। उन्होंने जिले के प्रत्येक घर एवं परिवार के बच्चों के पोषण स्तर की नियमित एवं बेहतर पर्यवेक्षण कर सुधार करने के निर्देश दिए हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरप्रीत कौर ने बताया कि जिला प्रशासन एवं विभाग द्वारा जिले के सभी कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे है। इसे लिए अप्रैल माह में यूनिसेफ के सहयोग से प्रशिक्षण का आयोजन भी किया जाएगा। जनसमुदाय में जागरूकता लाने तथा व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रति सप्ताह शुक्रवार को आंगनबाड़ी केन्द्रों में पालक चौपाल का आयोजन किया जा रहा है और निरंतर कुपोषित बच्चों की माता को आवश्यक परामर्श भी दिया जा रहा है। सुपोषित होने वाले बच्चों की माताओं के माध्यम से समुदाय में सही पोषण हेतु जागरूकता लायी गई है। जिसके परिणाम स्वरूप 3413 लक्षित बच्चों में से 2136 कुपोषित बच्चे सुपोषण की श्रेणी में आ चुके है। इस प्रकार पोट्ठ लईका पहल अभियान के माध्यम से 62.58 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त कर ली गई है।

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