10 करोड़ की हेरा फेरी के आरोपियों को बचाना क्या यही सुशासन है – रूपेश दुबे

सर्वोच्च न्यायालय, पीएमओ , अमित शाह से होगी शिकायत

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने छ ग की भाजपा सरकार की सुशासन की ढोंग का सुशासन सप्ताह में पोल खोलते हुए कहा कि सहारा इंडिया के 10 करोड रुपए के चेक बाउंस के मामले में आरोपियों को बचाने जिस प्रकार काला पीला किया गया जिसके चलते आज भी जिले की जनता को जिला न्यायालय के आदेश के  बाद भी राशियों का भुगतान नहीं हो पाया है। और इस मामले में  प्रशासनिक तंत्र सर्वोच्च न्यायालय और अमित शाह जी के विभाग सहकारिता को अपने कुकर्म से बचने का आड़ बनाने का घिनौना खेल-खेलकर जिले के सजग कलेक्टर को भी गुमराह कर मामले को गोल-गोल करने पर आमादा है ।

प्रदेश प्रवक्ता रूपेश दुबे ने सीधे तौर पर सुशासन का ढोल पीटने वाली भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में चिटफंड कंपनियों में डूबी जनता की जमा पूंजी दिलाने की जो माहती मंशा का कार्य प्रारंभ हुआ था कतिपय प्रशासनिक अधिकारियों ने इस महती योजना को चोट पहुंचाते हुए जनता को प्राप्त होने वाली राशियों पर बाधा पहुंचा कर शासन की मंशा एवं जनता के हितों पर चोट पहुंचाने का काम किया राजनांदगांव जिला प्रशासन को सहारा इंडिया कंपनी के शिकायत और एफआईआर के बाद सहारा के व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद  पांच करोड़ आरटीजीएस एवं पांच-पांच करोड़ के दो चेक प्रदान किए गए थे और उसी के आधार पर जिला न्यायालय राजनांदगांव से आरोपियों को जमानत पर आपत्ति नहीं  होने के कारण 18 मई 2022 को जमानत का लाभ मिला था साथ ही उस आदेश में जिला न्यायाधीश महोदय ने कलेक्टर राजनांदगांव को शीघ्रातिशीघ्र 15 करोड़ की राशि सुसंगत जमाकर्ताओ को विधिवत लौटाकी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें  का स्पष्ट निर्देश दिया था  पर प्रभारी अधिकारी ने न्यायालय के आदेश का अपमान करते मौन साधे बैठे रहे उसके बाद 10 करोड़ के चेक 19 जून और 24 जून को बाउंस होने पर जिला प्रशासन के प्रभारी अधिकारी ने ना तो चेक बाउंस का मामला न्यायालय में पेश किया और तो और सहारा इंडिया की ओर से चेक में हस्ताक्षरकर्ता ने 15 जुलाई 2022 को सितम्बर 2022 तक समय मांग करते पत्र लिखा था समय समाप्त होने के बाद भी  कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसके चलते आज तक जिले के शिकायतकर्ता, सुसंगत हितग्राहियों को 15 करोड़ की राशि का भुगतान नहीं हो पाया है और अब शिकायत करने पर जिले के प्रकरण प्रभारी अधिकारी के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए और अमित शाह जी के विभाग सहकारिता का हवाला देकर अपने कुकर्मों को छिपाने का प्रयास कर रहे है ऐसे भ्रष्ट  अधिकारियों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय, पीएमओ कार्यालय और विभागीय मंत्री अमित शाह जी को  दस्तावेजी शिकायत  कार्यवाही हेतु प्रेषित जाएगी ताकि देश व प्रदेश में भाजपा की सुशासन के ढोंग का खुलासा जनता के सामने सार्वजनिक हो।

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