अपनों को खोने का छलका दर्द तो केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा नक्सलवाद का करेंगे जल्द खात्मा

नक्सल हिंसा में पीड़ित परिवार और शहीद जवानों के परिजनों से केंद्रीय गृह मंत्री ने की चर्चा

      केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज अमर वाटिका में नक्सल हिंसा में पीड़ित परिवार और शहीद जवानों के परिजनों से चर्चा कर उनका दर्द साझा किया। पीड़ित परिवारों ने भी अपनी आप बीती सुनाई और अनुभव साझा करते हुए जिला नारायणपुर अंतर्गत ग्राम सारावाही के श्री मनोज कुमार ध्रुव ने बताया कि उनके पिता श्री राम साय ध्रुव को 9 मार्च 2018 को नक्सली लोग घर से उठा ले गए। उन्हें गांव के नजदीक खेत में ही नक्सलियों द्वारा जन अदालत लगाकर मुखबिरी की शिकायत में गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। मेरे पिता जी का क्या कसूर था जो उनकी निर्मम हत्या कर दी गई। मनोज ने राज्य शासन का आभार जताया और कहा कि अभी वह होमगार्ड के जवान के रूप में सेवाएं दे रहा है। इसी तरह कोंडागांव जिला के ग्राम बांसकोट की रहने वाली श्रीमती शांति नेताम ने बताया कि मेरे पति स्वर्गीय श्री रतन लाल नेताम जिला पुलिस बल में कार्यरत थे। वह सामान्य दिनों की तरह ही कोंडागांव में तैनात थे। 17 मई 2012 को लगभग शाम 7.30 बजे नक्सलियों द्वारा फायरिंग में वे शहीद हो गए। मुझे कुछ दिनों में ही आरक्षक के रूप में अनुकंपा नौकरी प्रदान की गई। इसके साथ ही लगभग 88 पीड़ित परिवारों ने अपना दर्द साझा किया।

     केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आप सभी के दुःख में हम सहभागी हैं और जल्द ही बस्तर में शांति स्थापित होगी और लगातार विकास के कार्य जारी रहेंगे।

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