अपराध रोकने जनजागरुकता एवं नागरिक कर्तव्य निर्वहन जरूरी – कुसुम दुबे
महिला एवं बालिकाओं पर होने वाले अपराध को रोकने शिक्षण संस्थानों में महिला प्रकोष्ठ का गठन किया गया है इसी क्रम में ठेलकाडीह कॉलेज में गठित महिला प्रकोष्ठ द्वारा महिला सुरक्षा एवं विधिक जागरुकता विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में अधिवक्ता श्रीमती कुसुम दुबे ने अपने व्याख्यान के माध्यम से महिलाओं के लिए बने कानून, सरकार की योजनाओं एवं अधिकार व कर्तव्य के साथ अपराध रोकने के लिए कानून की जानकारी एवं पुलिस को सहयोग करने पर बल दिया।
आयोजन के उद्देश्य से सर्वप्रथम वरिष्ठ प्राध्यापक डा एल सी सिन्हा ने अवगत कराया पश्चात अधिवक्ता श्रीमती कुसुम दुबे ने कॉलेज के सभाकक्ष के गरिमामयी आयोजन में संस्था के प्राचार्य एवं प्राध्यापकों की उपस्थिति में अध्यनरत छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहीं की अपराध नियंत्रण के लिए हमें जन जागरूकता के साथ संविधान से मिले नागरिक कर्तव्यों का पालन करते हुए कानून के अनुरूप कार्यवाही में पुलिस को अपराध की समय पर सूचना के साथ-साथ उन्हें सहयोग करने की भी आवश्यकता है आज जिस प्रकार के सामाजिक परिवेश को हम देख रहे हैं उसे तोड़ने के लिए हमें संगठित होकर जन जागरूकता के साथ कार्य करना है श्रीमती दुबे ने महिलाओं को संविधान एवं कानून से मिले अधिकारों के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए घरेलू हिंसा, टोनही प्रताड़ना, दहेज निवारण, महिलाओं के भरण पोषण, कामकाजी महिलाओं के कार्यस्थल पर अधिकार, लैंगिक उत्पीड़न से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के सभी विधिक पहलुओं की विस्तृत जानकारी देते हुए यह अपील भी की कि हम सब एक जुटता से महिला सशक्तिकरण की ओर अग्रसर होने के साथ-साथ अपराध नियंत्रण में भी अपनी माहिती भूमिका का निर्वहन करें आज अपराधियों के हौसले इसलिए बढ़े हुए हैं क्योंकि हम अपराध को देखते हुए मौन धारण कर लेते हैं या घटना से अपने आप को अलग कर लेते हैं । छत्तीसगढ़ जैसे शांत राज्य में जिस प्रकार की घटनाएं घटित हो रही हैं वह चिंतनीय है लेकिन इसे हमे ही रोकना है क्योंकि अपराधियों का कोई जात धर्म सगे संबंधी नहीं होते इसलिए आपराधिक मस्तिष्क का व्यक्ति पूरे समाज के वातावरण को दूषित करता है ऐसे दूषित वातावरण को साफ करने के लिए हम महिलाओं को विशेष कर आप कॉलेज के छात्र-छात्राओं को सामने आकर कार्य करने की आवश्यकता है क्योंकि आप समाज की अगले भविष्य है और आप लोगों के क्रियाकलाप व मजबूत कदम से वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ में एक स्वस्थ, समृद्ध, अपराध मुक्त समाज स्थापित होगा आप सभी छात्र-छात्राओं के चेहरे में जो क्रांतिकारी तेज नजर आ रहा है इससे मैं यह विश्वास करती हूं कि वह दिन दूर नहीं जब आप लोगों की सक्रियता से हम सब भयमुक्त वातावरण का निर्माण करेंगे साथ ही सरकार की महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए लागू योजनाओं से भी अवगत कराकर लाभ लेने व दिलाने की भी अपील की ।
व्याख्यान के पूर्व संस्था के प्राचार्य अजय कुमार श्रीवास्तव ने आयोजन में पालकीय संबोधन दिया कार्यक्रम का संचालन महिला प्रकोष्ठ संयोजिका सुश्री रेणुका कुंजाम ने एवं आभार प्रदर्शन प्रो.रेणुका सिन्हा ने किया ।