शिक्षक दिवस पर स्कूल के बच्चों में गणेश मूर्ति बनाओ प्रतियोगिता रही आयोजित
,, समाजसेेवी महिलाओं ने किया शिक्षक/ गुरुओं का सम्मान
कवि/ साहित्यकार कोशा हुए सम्मानित
राजनांदगांव / कस्तूरबा महिला मंडल द्वारा भारत के राष्ट्रपति डॉ, सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर कस्तूरबा स्कूल के बच्चों में मूर्ति बनाओ व चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई तथा कला/ साहित्य व शिक्षा जगत से जुड़े मूर्धन्यों का सम्मान किया गया।इस कार्यक्रम में समाजसेवी महिलाओं ने कला/ साहित्य गुरु के रुप में वरिष्ठ लोक कला धर्मी व कवि/ साहित्यकार -आत्माराम कोशा ‘अमात्य’ व सेवा निवृत्त शिक्षिका श्रीमती ऊषा मिश्रा व कस्तूरबा विद्यालय के प्राचार्य प्रवीण गुप्ता का सम्मान किया गया भावभीना सम्मान किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती सुषमा सिंह व कस्तुरबा महिला मंडल की संरक्षिका अधिवक्ता- श्रीमती शारदा तिवारी, अध्यक्ष -श्रीमती अलका जानी व सचिव -श्रीमती साधना तिवारी द्वारा श्री कोशा को कला/ साहित्य गुरू के रूप में शाल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान समाज सेवी महिलाओं नेे श्री कोशा की धर्म पत्नी के लिए साड़ी उपहार में भेट की। श्री कोशा के सम्मान अवसर पर मुख्य अतिथि राजपूत महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ी लोक रंग शैली नाचा के पुरोधा-पुरूष दाऊ मदराजी के साथ रह कर वाद्य वादन करने वाले तथा सुप्रसिद्ध लोक सांस्कृतिक संस्था चंदैनी- गोंदा, चोर चरण दास पार्टी में अपनी वादन दक्षता का परिचय देने वाले सुप्रसिद्ध लोक कला धर्मी व कवि साहित्यकार आत्माराम कोशा ‘अमात्य’ का शिक्षक दिवस पर सम्मान करते हुए हमें हर्ष हो रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही कस्तुरबा महिला मंडल की संरक्षिका (अधिवक्ता) श्रीमती शारदा तिवारी ने शिक्षक दिवस की सबको बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोशा लोक कला साहित्य जगत से संबंधित तो है ही लेकिन पत्रकारिता के जगत में अपनी सौजन्यता से विशेष स्थान बनाए हुए है। वे सदा कला/ साहित्य से सम्बंधित आयोजन करने के अलावा समाज सेवी महिलाओं के रचनात्मक योगदानों को बखूबी रेखांकित करने में सजग रहते है। उन्होंने कहा कि लोक कला एवं साहित्य धर्मी श्री कोशा नगर के गौरव है। शिक्षक दिवस पर उनका सम्मान करते हुए हमे हर्ष होने के साथ-साथ गर्व का भी अनुभव हो रहा है। इसी तरह कस्तुरबा मंडल की अध्यक्ष श्रीमती अलका जानी व सचिव साधना तिवारी ने श्री कोशा के सम्बंध में आप्त वचन कहे।
रत्न गर्भा धरती
शिक्षक दिवस पर समाज सेवी महिलाओं द्वारा अपने सम्मान से अभिभूत हुए कोशा ने उपस्थित सभी समाज सेवी महिलाओं से कहा कि यहां की नारियां,मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम जैसे बेटा पैदा करके दुनिया को दिखा दिया कि यहां की माटी व माताएं रत्न गर्भा है। भगवान श्री राम को जन्म देेने वाली प्रात: स्मरणीय नारी मां कौशल्या इसी धरती की बेटी है। इसलिए यहां की माताएं-बहने अपने आप में गौरवान्वित महसूस भी करे। भले ही कुछ काल से हम छत्तीसगढिय़ा है लेकिन मूल रूप से हम मां कौशिल्या की धरती कोशल प्रदेश के निवासी है जिस प्रदेश की बेटी ने भगवान श्री राम जैसे मर्यादाशील पुत्र को जन्म दिया। जिसकी मर्यादा पूर्ण आचरण व चारित्र दुनिया के लिए एक मिसाल बना हुआ है। महाकवि गोस्वामी तुलसी दासजी ने इसका गान श्री राम चरित मानस लिखकर किया है। कोशा ने राजनांदगांव को संस्कारधानी क्यों कहा जाता है इसके महत्व को भी सविस्तार बताया।
मूर्ति व चित्रकला स्पर्धा
शिक्षक दिवस अवसर पर आयोजित मिट्टी की मूर्ति बनाओ प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ श्री गणेश प्रतिमा बनाने वाले कक्षा दसवीं के छात्र नोबिस मरकाम को प्रथम, आठवीं के छात्र प्रवीण पाण्डे द्वितीय तथा चौथी के छात्र सम्राट रजक तृतीय रहे। इसी तरह चित्रकला में सोनाक्षी गढ़वाल ( सातवीं) प्रथम , कृष्णा शर्मा (चौथी) द्वितीय व दसवीं का छात्र नोटिस मरकाम तृतीय रहे। बाकी छात्र/ छात्राओं को सांत्वना इनाम दिया गया। इस अवसर पर कस्तूरबा महिला मंडल की कोषाध्यक्ष श्रीमती आशा गुप्ता, समाजसेवी, नियामत हुड्डा, आशा सोनछत्रा, माया अग्रवाल, शोभारानी चौरसिया,श्रीमती उषा मिश्रा, मनीषा ठक्कर, रेखा अग्रवाल, सहित बड़ी संख्या में समाज सेवी महिलाएं वह कस्तूरबा विद्यालय के प्राचार्य प्रवीण गुप्ता, व्यवस्थापक सीताराम वैष्णव सहित स्कूल स्टाफ की शिक्षक शिक्षिकाएं व बड़ी संख्या में छात्र- छात्राओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का गरिमा मय संचालन सचिव श्रीमती साधना तिवारी ने किया।