राजनांदगांव का इतिहास पहले से ही शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है

राज कॉसमॉस (पिता श्री दौलत सिंह चंदेल) तुलसीपुर राजनांदगांव निवासी जिन्हे विश्व की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी हार्वर्ड, अमेरिका में बुलाया गया वो भी एक ऐसे अनोखे शोध कार्यक्रम मे जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ऊपर है जिसमें 10 लाख से ज्यादा लोगो ने आवेदन किया था लेकिन पूरी दुनिया से सिर्फ 300 लोग ही बुलाए गए जिसमें हमारे राज कॉसमॉस को भी बुलाया गया और उनके मुताबित पूरे भारत से सिर्फ 2 लोग ही इसका हिस्सा बन पाए जिसमें एक भारतीय आईआईटी बॉम्बे से है और दूसरा हमारे राजनांदगांव छत्तीसगढ़ से जो कि अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है,

उन्होंने ये भी बताया कि इस 3 माह लम्बे कार्यक्रम में विश्व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस फोरम के कुछ डिगज्ज नाम जैसे चैटजीपीटी के मलिक सैम ऑल्टमैन भी शामिल हैं

राजनांदगांव का इतिहास पहले से ही शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है जैसे पदुम लाल पुन्ना लाल बख्शी, विनोद कुमार शुक्ला और अब युवा भी राजनांदगांव का नाम पूरे विश्व में ले जाने में पीछे नहीं हैं ये हमारे शहर के लिए बहुत बड़ी बात है कि विश्व प्रसिद्ध हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जैसी जगह जहां अनगिनत राष्ट्रपतियों और अरबपतियों ने शिक्षा हासिल की वहां हमारे शहर का नाम और प्रतिभा पहुच पाया

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