उपरवाह _गायत्री प्रज्ञा पीठ सलोनी घुमका जिला राजनांदगांव में 15 जून 2024 दिन शनिवार को एक घंटे का अखंड जाप शाम 7 बजे 8 बजे तक रखा गया अगले दिन सुबह गायत्री जयंती और गंगा दशहरा के पावन पर सुबह 9 बजे से एक कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ पूर्ण आहुति किया गया।अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य पंडित श्रीराम जी ने 2 जून 1990 गायत्री जयंती के दिन ही महाप्रयाण लिया था उनको आज सभी परिजनों ने याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। आज ही के दिन मां गंगा का अवतरण धरती पर भागीरथी के अथक तपस्या से हुआ था और सगर पुत्रों का उद्धार किया था। मां गायत्री को ही देव माता,विश्व माता और वेद माता गायत्री के रूप में पहचान मिली थी जो भी मनुष्य गायत्री की जप तप प्रार्थना करते हैं उन्हें जीवन में आयु,प्राण,प्रजा,पशु,कीर्ति,गरीबी दरिद्रता से मुक्ति मिलती है और स्वर्ग का अधिकारी बन जाता है गायत्री के 24 अक्षर में किसी भी विशेष देवी देवता का नाम नही है आप जिस किसी भी देवी देवता के सम्मुख जपते हैं उन्ही का मंत्र बन जाता है वैसे भी गायत्री सद्बुद्धि की देवी है।सूर्य का मंत्र है।उसका संक्षिप्त भाव अर्थ पर चिंतन मनन करे तो देखते हैं की उस प्राण स्वरूप , सुख स्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पाप नाशक, प्राण स्वरूप परमात्मा को हम अपनी अंतर आत्मा में धारण करे वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करे।इसीलिए सभी मनुष्यों को गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए। व्यक्ति निर्माण,परिवार निर्माण के बाद समाज निर्माण के क्षेत्र में अपने कदम को बढ़ाना चाहिए।एक बनेंगे नेक बनेंगे, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा,हम बदलेंगे युग बदलेगा इस तथ्य पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए।आज के कार्यक्रम में श्री रतन यादव,गौतम यादव,हितेश यादव, केमन साहू,तुलेश्वर कुमार सेन,चमेली सेन आदि शामिल हुए।