आज के दिन अऊ तारीख ला जन्मों विश्व के मनखे मन विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनावत हन,फेर मोर मन मा एक ठन बात हा हमेशा कचोटत रहिथे अऊ दिन रात मोला परेशान कर के रख देथे ।का कोनो भी दिवस के मनाए भर ले ओखर उद्देश्य के पूर्ति हो पाथे का ..? का हमन सरकारी योजना ला पूरा कर पावतहन का…? का हमन सही ढंग ले कोनो भी योजना ला सफल बनाय बर काम कर पावतहन का…? का ऐखर नुकसान अऊ फायदा के बात ला हमन लोगन तक पहुंचा पावतहन का..? का हमन सरकारी संपत्ति अऊ पइसा के सदुपयोग कर पावतहन का …? का अइसन सवाल मोरे भर मन मा आवत हो ही का ..? का ये जम्मो सवाल के जवाब कभू मोला मिल पाही का…. आदि ?
आज कल हमर देश मा एक ठन कोनो भी बात हा महामारी या अमर बेल असन फइले मा देरी नइ लगे। खासकर जब ले ये इंटरनेट सोसल मीडिया, व्हाट्सएप फेस बुक,इंस्टाग्राम के जमाना आय हावे।कोनो भी बात हा छीन भर मा जंगल भीतरी के आगी कस लाम जाथे।कोनो नइ जान सके कती ले आय हो ही। अपन _अपन ले आगी _आगी चिल्लवात रहिथे। कोनो एक झन मनखे हा कहीं कुछू के बधाई डाल
दिस ताहन अपन _अपन ले भेजत रहिथे कोनो मनखे ला मुड़ी पूछी के पता नइ राहे। राष्ट्रीय अऊ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाथन ।कभू दाई _ ददा, कभू भाई _बहिनी, कभू दादा_ दादी, कभू पति _पत्नी, कभू परिवार ता कभू प्यार।आज कल तो अलग _अलग बीमारी मन के घलो दिवस मनावत हन।
बात करत रेहेन 31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के, का हमन दिवस मनाबोन तहान तम्बाकू ले मुक्त हो जाबोन।कोन मनखे ला भूलवारतहन समझ नइ आवत हे।कोनो ला धोखा देवत हन या धोखा खुदे खवातहन सोचे ला परही।आज तम्बाकू खाए ले शायद कोनो परिवार हा बांचे हो ही।कोनो न कोनो रूप में सबे मनखे तम्बाकू के उपयोग करत हावे। शराब,गांजा, बीड़ी, सिगरेट, रंगीन पाउच मन मा गुटखा, पान मसाला, जर्दा खैनी,गुड़ाखू आदि । नशा समान बेचइया मन ऊपर मा लिखे घलो हावे की सेहत बर हानिकारक हावे उल्टा सीधा फोटो घलो लगाए रहिथे। फेर दुनियां के समझदार मनखे जात ये बात ला समझ नइ पात हे।आंखी रहिके अंधरा बनगे हावे।कोनो भी जानवर कोनो नशा पान नइ करें। फेर मनखे के मारे कुच्छू नशा घलो नइ बांचत हावे।
एक डाहर सरकार हा एखर रोकथाम बर करोड़ों रुपया के विज्ञापन बना के प्रचार प्रसार करत हावे।बड़े बड़े अस्पताल, दवाई अऊ डॉक्टर पुलिस थाना,कोर्ट कचहरी के व्यवस्था बनात हावे।दूसर ओर हमर जाने माने सुपर स्टार मन पइसा के लालच मा इही नशा समान के प्रचार प्रसार करत हावे।रोज के रोज नवा _नवा गुटखा, पान मसाला के कंपनी खुलत हावे सरकार हा ओमन ला अनुमति देवत हावे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष बेचइया मनखे मन के सहयोग करत हावे।सरकार खुद तम्बाकू,शराब,नशा बेचे अऊ निषेध मनाए के नाटक करत हे।एक डाहर नशा के दुकान अऊ दूसर डाहर नशा मुक्ति केंद्र चलावत हे कोन जनि आम लोगन मन कब समझ पाही इखर दोहरा चाल ला कहिथे कुछ कर थे कुछ।
एक ठन प्रश्न अऊ आवत हे मोर मन मा आखिर मा दोषी कोन हावे आम लोगन मा या सरकार। न आम लोगन मन पिए खाए बर छोड़त हावे न सरकार हा बेचे बर। कोनो भी चुनाव के बेरा के हाल चाल ला सबो मनखे जानत हवन काय _काय चरित्तर हो थे तेला भीतर अऊ बाहिर के बात ला कखरो ले छुपे नइ रहे तभो ले सबो झन मनखे मन इही कथे हमला काय करना हे कखरो बने चाहे बिगड़े जेन करही तेन भरही।
नशापान करे ले शारीरिक, परिवारिक, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक सबो डाहर के नुकसान घलो होथे। कभू _कभू छोटे मोटे बात बर खून खराबा घलो हो जाथे। नानकुन बातचीत मा मार पीट,झगड़ा लड़ाई होवत रहिथे। ओखर बाद पुलिस थाना,कोर्ट कचहरी के चक्कर कटाई हो जाथे।जेखर ले धन दौलत रुपिया पईसा के बर्बादी हो जाथे ।आज कल बिहाव के बाद तलाक जइसन स्थिति घलो नशा पान के कारण होवत हे।
आखिर नशा पान करे ला कब, कइसे अऊ कहां ले सिखथे ये प्रश्न हा प्रमुख बात आय। बहुत खोजे के बाद कुछ जगह पता चलिस जेमा आज के युवा मन अपन घर, परिवार, समाज, मित्र,गलत संगत वाले मन सन रहिके नशा पान करे ला सीखथे। सब ले जादा परभाव हमर स्कूल,कालेज मा पढ़इया लिखइया लइका मन ऊपर पड़त हावे पढ़े लिखे के उमर मा अलकरहा _अलकरहा नशा करे ला धर लेथे अऊ अपन प्रमुख उद्देश्य ले भटक जाथे पढ़ई लिखई अऊ मया के टेंशन तनाव मा आके अपन जीवन ला घलो खतम कर डरथे । दाई ददा अऊ परिवार ला मुंहु दिखाए के काबिल नइ छोड़े।हमर सियान मन केहे घलो हावे कि
जइसन जइसन घर द्वार,
तइसन तइसन फइका।
जइसन जइसन दाई ददा,
तइसन तइसन लइका।।
जइसन संगत,तइसन रंगत।
कभू कभू ये दोनों ले विपरीत घलो देखे बर मिलथे जिहा कहावत चरितार्थ नइ होय। आखरी मा एके बात समझ आथे कोनो आदमी के बनना अऊ बिगड़ना खुदे ऊपर होथे।कोनो भी दिवस हमन कतको मना लेन जब तक शुरुवात खुदेच अऊ परिवार ले नइ करबो तब तक सफलता नइ मिले काबर कथनी अऊ करनी अलग अलग होय ले बहुतेच दुख मिलथे।कोनो भी नशा हमर जीवन में आगे होही तेला आज ले छोड़ देव जी। आज काल तो सुख के काम शादी बिहाव, छट्ठी, जनम दिन, पूजा पाठ मा घलो नशा पान के समान परिवार डाहर ले बांटे जाथे बिना डीजे अऊ दारू के सफल नइ माने जाए ।आज काल एक ठन देखे बर अऊ मिले हावे कखरो मरनी हरनी मा घलो नशा पानी करके लोगन मन जाथे । बड़े मन ला देख के छोटे मन जादा कूदे परत हे।ये सब मा रोक लगही तभे 31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाना सफल हो पाही।