महिला दिवस पर कस्तुरबा में ‘जब मै एक औरत होती हूँ’ नाटक का मंचन, 

समाज सेवी महिलाओं ने फूलों की होली खेल कर मनाया फागुन महोत्स

 राजनांदगांव। अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में शहर की समाज सेवी महिलाओं द्वारा कस्तुरबा महिला मंडल के तत्वावधान में फूलों की होली खेल कर फागुन महोत्सव मनाया गया। वहीं कस्तुरबा भवन में नगर के कलाकारों द्वारा ‘जब मैं एक औरत होती हूँ’ नाटक का मंचन कर खूब वाह-वाही बटोरी गई। सोमवार की संध्या कस्तुरबा कस्तूरबा भवन में आयोजित उक्त नाटक के निर्देशक रितेश सिंघाडे है। नाटक में देश के बंटवारे के समय की झलक दिखाई गई। इसमें उस समय की‌ परेशानियों का बखूबी ढंग‌ से चित्रण किया गया।

 नाटक में प्रमुख पात्र, रितेश सिंघाड़े के अलावा नीरज उके, रिषभ, नागेश पठारी, सुरेन्द्र चन्द्राकर, रूपेश के अलावा महिला पात्रों में सरोज व रीना की भूमिका सराहनीय रही। उपरोक्त पात्रों ने नाटक में अपनी अभिनय दक्षता से जान डाल दिया। नाटक के पात्रों ने अपने डायलागों से उपस्थितों की तालिया भी बटोरी। कस्तुरबा महिला मंडल की संरक्षक श्रीमती सरस्वती माहेश्वरी कार्यक्रम प्रभारी, श्रीमती शारदा तिवारी, अध्यक्ष -अलका जानी, आशा गुप्ता, शोभा चोपड़ा, सचिव- साधना तिवारी आदि समाजसेवी महिलाओं ने नाटक मंचन के लिए नाटक ग्रुप को 21 सौ रूपए का इनाम दिया गया तथा कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। संस्था की संरक्षिका श्रीमती शीला कोठारी ने इस दौरान

महिला दिवस प्रसंग पर‌ सभी महिलाओं को वर्चुअल बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर समाजसेवी श्रीमती अनीता जैन, माया अग्रवाल, सुषमा सिंग, अर्पिता मिश्रा ,विद्या पांडे, जानकी गुप्ता, अर्चना दास,लक्ष्मी गुप्ता,आशा सोनक्षत्रा, सरिता भोजवानी,किरण अग्रवाल,बरखा जैन,एकता गुप्ता आदि सहित बड़ी संख्या में समाजसेवी महिलाए तथा कस्तुरबा विद्यालय के प्राचार्य प्रवीण गुप्ता, व्यवस्थापक सीताराम वैष्णव व स्कूल की शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा बच्चों सहित नाटक देखने दर्शकगणों की मौजूदगी रही । उक्ताशय ‌की जानकारी संस्था की साधना तिवारी ने दी

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