गंभीरतम पीड़ा की सरलतम अभिव्यक्ति है काव्य: चंद्रेश ठाकुर

छुरिया विकासखण्ड के ग्राम सीताकसा में किया गया

कवि सम्मेलन का आयोजन

अंचल के लब्ध प्रतिष्ठित कवियों द्वारा दिया गया ज्ञानवर्धक, हास्य एवं व्यंग से परिपूर्ण कविताओं की प्रस्तुति

 

राजनांदगांव, 23 जनवरी 2024

जनसंपर्क अधिकारी जिला बालोद श्री चंद्रेश ठाकुर ने कविता की परिभाषा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ’गंभीरतम पीड़ा की सरलतम अभिव्यक्ति है काव्य’। उन्हांेने कहा कि साहित्य एवं कविता का कार्य मुख्यतः मनुष्य को दिशा बोध कराकर मनुष्य को मनुष्य बनाना है। श्री ठाकुर राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखण्ड के सुदूर ग्राम सीताकसा में गत दिनों आयोजित कवि सम्मेलन के अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त कर रहे थे। वे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ी में कविता के अर्थ पर प्रकाश डालते हुए छत्तीसगढ़ के कालजयी रचनाकार स्व. कोदूराम दलित के कविता का उल्लेख करते हुए कहा कि ’जइसे मुसवा निकले बिल ले, वइसने कविता निकले दिल ले’। कवि सम्मेलन का प्रभावी संचालन छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कवि विरेंद्र तिवारी ’वीरू’ ने किया। कवि सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के नामचीन कवि कैलाश साहू ’कुंवारा’, प्रीतम कोठारी ’समीर’, महेंद्र बघेल ’मधु’, रमेश मण्डावी एवं मनीष साहू ’मन’ उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री ठाकुर ने कविता एवं साहित्य के उपदेशों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महान रूसी साहित्यकार मैक्सीम गोर्की ने कहा है कि विज्ञान यह सिखला सकता है कि पक्षी की तरह हवा में कैसे उड़ना चाहिए। विज्ञान यह सिखला सकता है कि मछली में पानी की तरह पानी में कैसे तैरना चाहिए। लेकिन विज्ञान यह नही सिखला सकता कि मनुष्य कैसे बनाना चाहिए। यह काम साहित्य का है। उन्होंने कहा कि साहित्य का कार्य मनुष्य में मानवीय संवेदनाओं का बीजारोपण कर उनका दायित्व बोध कराना है। आज जब शाश्वत एवं नैतिक मूल्यों का जब पतन हो रहा है। ऐसे समय में हमारे महान मूल्यों को अक्ष्क्षुण बनाए रखने के लिए साहित्य एवं कविता को आत्मसात करने की सर्वाधिक आवश्यकता है। इस अवसर पर ग्राम सीताकसा के उदयीमान कवि साहित्यकार श्री प्रीतम कोठार ’समीर’ के साहित्यिक प्रतिभा का भूरी-भूरी सराहना करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कवि सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के नामचीन कवियों ने ज्ञानवर्धक एवं हास्य परिपूर्ण कविताओं की प्रस्तुति कर रसज्ञ श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम में श्री बलदाउ मण्डावी, श्री भूपेंद्र मण्डावी, मानसिंह मण्डावी, मदन साहू, लखन साहू, अशोक विश्वकर्मा, चंदुलाल साहू सहित अन्य अतिथियों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles