मन मे प्रभु सेवा की ललक ने करायी कार सेवा

*➡️ लगातार दो कार सेवा मे शामिल भाजयूमो के तत्कालीन जिलाध्यक्ष व दबंग नेता हेमंत शर्मा ने सांझा की संधर्ष की स्मृतिया*

*राजनांदगांव ।* बाईस जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सारे देश मे जबरदस्त उत्साह है और लगातार विभिन्न आयोजन हो रहे है।ऐसे समय मे रामजन्म भूमि के लिये संर्धष् करने वाले असली कारसेवको की बात न हो तो यह अध्याय अधूरा महसूस होता है। उस समय के तत्कालीन जिला भाजयूमो अध्यक्ष व संसदीय क्षेत्र के दबंग नेता हेमन्त शर्मा भी ऐसे कार सेवक है जिन्होंने पहले वर्ष 1990 तथा उसके बाद दुसरे वर्ष 1992 मे कारसेवा मे सक्रियता से भाग लिया था। कार सेवा के पुराने संस्मरण को याद करते हुए कार सेवक हेमन्त शर्मा बताते है कि वर्ष 1990 में छत्तीसगढ प्रांत से अयोध्या कूच करने का फरमान हर जिले को मिला था। इसमे हमारा अविभाजित जिला राजनांदगांव से बहुत से कार सेवक अयोध्या गये थे। पहली कारसेवा 1990 में भाजयूमो के तत्कालीन जिला अध्यक्ष के पद का निर्वहन करते अपने साथियो मनबहल दूबे व अन्य तीन भाजयूमो साथियो के साथ जीप में कबीरधाम, पंडरिया होते हुए मध्यप्रदेश के शहडोल पहुंचे। रास्ते में जगह जगह टीन के बडे बडे ड्म रखकर बेरिकटिग कर पुलिस की चेकिग चल रही थी। उस समय मोबायल का कही अता पता नही था।हम किसी तरह उबड खाबड खराब सडक मे लोगो से पूछताछ करते उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद के मऊगँज पहुंच गये, जहां वर्ग विशेष की बहुतायत नजर आ रही थी। मऊगंज मे पुलिस ने हमारी जीप सहित हम पांचो को पकडकर वहां की एक स्कूल की अस्थायी खुली जेल मे बन्द कर दिया था।दूसरे दिन सुबह पुलिस द्वारा घर लौटने के फरमान के साथ हम सभी वापस लौटे ,तब तक उमा भारती के गिरफ्तार होने की खबर के साथ यूपी में कर्फ्यू लग चुका था और राम नाम के जगह जगह जयकारे व नारो के साथ भक्ति भाव नजर आता था। भाजयूमो व अन्य संगठन से लगातार जुडे रहने से मै राम मंदिर से जुडे उस समय के विभिन्न आंदोलन से जुडा रहा। संसदीय क्षेत्र में हमे युवाओ की टीम बनाकर जगह जगह श्री राम जनजागरण करना पडता है। आम जनता के बीच के सरल मेहनकश किसान नेता हेमंत शर्मा बताते है कि राम जन्मभूमि की कार सेवा के लिये दूसरी बार वर्ष 1992 मे जाने का फिर अवसर मिला। श्री राम कार सेवा समिति के आदेश पर हम अपने तीन साथी छुईखदान के छबिलाल श्रीवास, गंगाराम सेन, धनऊराम जंघेल के साथ दुर्ग स्टेशन के बाहर स्थित धर्मशाला मे 4 दिसम्बर को पहुंचे। जहां बजरंगदल के रायपुर संभाग प्रमुख कौशलेन्द प्रताप सिंह एंव कार सेवा समिति के संभाग प्रमुख बिसराराम यादव मौजूद थे।उन्होंने मेरी ओर देखकर कहा कि तुम युवा व समझदार साहसी हो, तुम्हे यह 250 की टीम को अयोध्या कारसेवा के लिये ले जाना है ।मैने सिर हिलाकर सहमति दी।मेरी टीम मे अविभाजित राजनांदगांव से अम्बागढ चौकी,मोहला मानपुर, कबीरधाम के अलावा डौडीलोहारा, धमधा के अलावा अन्य ब्लाक की महिलाए, बुर्जुग व युवा शामिल थे।मै लिस्ट सहित टीम को लेकर दुर्ग स्टेशन पहुंचा और हम सबने टिकट लेकर सारनाथ एक्सप्रेस से इलाहाबाद के लिये कूच किया। दूसरे दिन इलाहाबाद से हम सभी दूसरी ट्रेन मे फैजाबाद जो नामकरण के बाद अब अयोध्याधाम कहलाता के लिये रवाना हुए। वहां के स्टेशन पर जब सब हम उतरे तो देखा कि देशभर से लाखो की भीड कार सेवा के लिये पहुंची है। हम सब कार सेवा समिति के बताये निर्देशानुसार सरयू साकेत होटल के सामने एक धर्मशाला में पहुंचे। जहां अधिकांश ने कार सेवा की चर्चा करते हुए रात का समय गुजारा।यह इलाका एक वर्ग विशेष से जुडा था और भगवान श्रीराम के स्थल से कुछ दूर पर था। 6 दिसम्बर की सुबह हम सब तैयार होकर विवादित ढांचे की ओर पैदल पहुंचे ।वहां हमने देखा कि ढांचे से कुछ दूरी पर अस्थायी मंच पर लालकृष्ण आडवाणी, साध्वी उमा भारती, आर्चाय धर्मेन्द्र लाखो की तादाद में उपस्थित कार सेवको को सम्बोधित कर उन्हे संयम बरतते सुप्रीम कोर्ट के आदेश पालन करने की सलाह दे रहे थे। हमारी मुलाकात कबीरधाम के मोतीराम चन्द्रवंशी, हेमंत पांडे से मुलाकात हुई। हमने स्थल पर बीबीसी के मार्क टूली को रिपोर्टिग करते देखा। हम व हमारी टीम जब ढांचे की ओर बढ रही थी तब भीड बढने से कार सेवा समिति ने रोका और कहा कि अभी आप रुकिये अभी वहां से बहुत से युवा है।आपको भी जाने देगे।इधर बहुत से युवा विवादित ढांचे के पास पुलिस वाले को आने से रोक रहे थे और जगह जगह युवाओ का हुजुम तीनो गुम्बद पर चढ गया था और विभिन्न नारो व गीतो से वातावरण भक्तिमय व जोशीला हो चला था।इधर युवाओ ने अचानक गुम्बद पर प्रहार करना शुरू कर दिया और देखते ही देखते तीनो ढांचा ढह गये ।उस समय मौके पर घायलो की चीख पुकार के बीच राष्ट्रीय युवा नेता विनय कटियार व हमारे साथ के युवा साथियो ने घायलो को स्टेचर पर रखकर उन्हें अस्पताल रवाना किया। इस काम में वहां के राजपरिवार के लोगों का बढचढकर सेवा देखने लायक थी।विवादित ढांचा ढहते ही तबके फैजाबाद सहित यूपी के वातावरण मे तनाव उत्पन्न होना था। पुलिस फोर्स ने सुतली बम व अन्य पथराव के बीच सभी को सुरक्षित धर्मशाला पहुंचाया।इधर कल्याण सिंह सरकार गिरने व जबरदस्त कर्फ्यू के बीच हम सब परेशान थे।दो दिन बाद एक पुलिस के बडे अधिकारी धर्मशाला पहुंचे और उन्होंने मुझे बुलाया और कहा कि हम सब आप व आपकी टीम को हम अपनी पुलिस सुरक्षा में स्टेशन छोड देगे ।मैने सब साथियो से बात कर उस पुलिस अधिकारी के सुझाव पर सहमति जतायी। दूसरे दिन सुबह पुलिस बल पहुंचा और सभी 250 लोगों को पुलिस सुरक्षा मे स्टेशन लाया गया।रास्ते मे जगह जगह सुतली बम फटने के साथ पथराव जारी था। हम सब स्टेशन पहुंचे तो देखा कि वहां जबरदस्त सन्नाटा था। ट्रेन आगे बढी तो तब के फैजाबाद स्टेशन से कटनी तक कही चाय नाश्ते या भोजन का पता नही था। रास्ते मे हमने खिड़कियां बन्द रखी थी। एक वर्ग विशेष की बहुतायत वाले इलाके से लगातार पथराव के चलते हम परेशान थे।हम सब 10 दिसम्बर को ट्रेन से राजनांदगांव पहुंचे तो राजनांदगांव के माहेश्वरी भवन मे विहिप व कार सेवा समिति से जुडे नथमल अग्रवाल, प्रकाश सांखला व अन्य ने सब कार सेवको का तिलक लगाकर स्वागत किया। देशभक्त दबंग नेता हेमंत शर्मा का कहना है कि यह हमारा परम सौभाग्य है कि मुझे दो दो बार अयोध्या कार सेवा मे शामिल होने का मौका मिला और अब आगामी 22 जनवरी को अयोध्याधाम में श्री राम मंदिर मे भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को हम साकार होते देखेगे ।

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