शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. एल. टांडेकर के मार्गदर्शन हिन्दी विभाग अध्यक्ष डॉ. बी.एन.जागृत के निर्देशन में हिंदी विभाग द्वारा विश्व हिंदी दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी एवं प्रसिद्ध साहित्यकार संजीव सिंघल ने कहा कि हिन्दी भाषा का वर्चस्व वैश्विक स्तर पर निरंतर बढ़ता जा रहा है, विश्व की पांच शक्तिशाली भाषाओं में हिन्दी अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। हिन्दी भाषा को वैश्विक स्तर पर प्रथम श्रेणी में लाने के लिए हमें अधिक से अधिक हिन्दी भाषा का प्रचार प्रसार के साथ ही उसे शासन प्रशासन के कार्यो के लिए अनिवार्यत: प्रयोग किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने स्वरचित कविताओं का पाठ भी किया। इस अवसर पर डॉ. बी. एन. जागृत ने विद्यार्थियों को संबोधित करते कहा कि विश्व में पहली बार हिन्दी दिवस मनाने परंपरा 10 जनवरी 2006 ई. से प्रारंभ हुई, इसका उद्देश्य भारतीय भाषा के विषय में जागरूकता उत्पन्न कर विश्व भर में हिन्दी को वैश्विक भाषा के रूप में प्रचारित करना है। हिन्दी भाषा वर्तमान में भारत में ही नहीं अपितु फिलीपींस, मॉरिशस, नेपाल, सूरीनाम, फिजी, तिब्बत,त्रिनिदाद और पाकिस्तान में भी बोली जाती है। “हिंदी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक” को इस वर्ष के थीम रूप में रखा गया है।
वही कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. नीलम तिवारी ने बताया कि हिन्दी को ज्ञान की भाषा बनाना आवश्यक है। इसके लिए अधिकाधिक हिन्दी को व्यवहार में लाना अनिवार्य है। पत्रकारिता विभाग की सहायक प्राध्यापक दीक्षा देशपाण्डे ने हिन्दी को ज्ञान और चिंतन की भाषा बताते हुए कहा कि हिन्दी भाषा में इतनी सहजता है कि वह अन्य भाषा भाषी व्यक्ति को भी सरलता से अपना लेती है। सोशल मीडिया में हिन्दी भाषा का बढ़ता वर्चस्व और सक्रियता को रेखांकित करते हुए विभाग की एसआरएफ शोधार्थी बिन्दु डनसेना ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर विद्यार्थियों ने काव्यपाठ कर हिन्दी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट किए साथ ही कार्यक्रम में पत्रकारिता विभाग से अमितेश सोनकर, रेशमी साहू, हिन्दी विभाग से सहायक प्राध्यापक डॉ. गायत्री साहू, कौशिक बिशी रितु यादव एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।