० शक्ति पीठ पुरोहितों द्वारा गोंदिया (महाराष्ट्र) भी सम्पन्न कराए गए विवाह संस्कार
० शक्ति पीठ के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में उमड़े श्रद्धालु
राजनांदगांव। स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ के पुरोहितो की संक्रियता इन दिनों काफी बढ़ गई है। हिन्दू सनातन धर्म के सोलह संस्कारों को सम्पन्न कराने धर्म संस्कार प्रिय जनों द्वारा सीधे शक्ति पीठ के पुरोहितों की सेवाए ले रहे है। इसके लिए शक्ति पीठ के व्यवस्थापक से सीधे मोबाइल में सम्पर्क कर अपना समय सुरक्षित करवा ले रहे है।
बता दे कि गत 21 दिसम्बर गुरूवार को गायत्री शक्ति पीठ में पूज्य गुरूदेव श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा प्रतिष्ठापित एवं प्राण प्रतिष्ठित वेद माता गायत्री कुण्ड लिनी शक्ति व मां सावित्री का धूमधाम के साथ प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव मनाया गया। जिसमें समस्त गायत्री परिजनों सहित बड़ी संख्या में हिंदू सनातन धर्मियों की उपस्थिति रही। इसी अवसर पर जीवन कालोनी में पांच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया जहां धूमधाम के साथ कालोनी वासियों द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाली गई तथा बड़ी संख्या में पांच कुण्डीय महायज्ञ में आहुति प्रदान कर अपने घर-परिवार की सुख-समृद्धि व मां गायत्री से सबकी खुशहाली की दुआए मांगी। गायत्री महायज्ञ के अंत में लोगों में महाप्रसादी का वितरण किया गया।
गायत्री महायज्ञ व प्रज्ञापुराण की धूम
गायत्री शक्तिपीठ के ट्रस्टी बृजकिशोर सुरजन व सूर्यकांत चितलांग्या ने बताया कि शक्तिपीठ के पुराहितों द्वारा न केवल लोगों के घरों में पुसंवन गर्भाधन मुण्डन विधारंभ यज्ञोपवित आदि 16 संस्कार कराया जा रहा है ,शहर सहित आसपास के गांवोंं में जाकर लोगों के यहां वैवाहिक संस्कार भी करा रहे है। वहीं शक्तिपीठ में परिजनों के साथ आने पर वर-वधुओं का विवाह विधि विधान के साथ विवाह संस्कार कराया जा रहा है। ट्रस्टी द्वय ने बताया कि गायत्री शक्ति पीठ के पुरोहित सुखनंदन जी,ब्रहमानंद, नृपाराम, देवशरण, सुखमन अली, ओमप्रकाश जी आदि द्वारा गोंदिया (महाराष्ट्र) जाकर 23 दिसम्बर को विवाह संस्कार सम्पन्न कराया गया। इसी तरह 24 एवं 25 को गोंदिया के निकट ग्राम टेडवा में दीप यज्ञ व पांच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। इसके अलावा अंचल भर में प्रज्ञा पुराण कराए जाने की धूम बनी हुई है। गायत्री परिजन सहित समस्त हिन्दू धर्मावलम्बियों द्वारा प्रज्ञा पुराण की कथा बड़े चाव से सुनी जा रही है, वही भक्त जन सायंकाल में सम्पन्न होने वाले दीप यज्ञ व वैदिक मत्रोच्चार के बीच दिन में सम्पन्न होने वाले पांच कुण्डीय गायत्री यज्ञ में भाग लेकर तथा मां गायत्री को आहुति प्रदान कर धन्य महसूस कर रहे है। यज्ञ कार्यक्रम के दौरान 16 संस्कार सम्पन्न किए जाने की श्रृंखला भी बनी हुई है। उक्ताशय की जानकारी पुरोहित ओमप्रकाश जी ने दी।