आचार्य विद्यासागर जिन उपासना,जनशांति और जनशक्ति का त्रिवेणी संगम है : तेजकरण

राजनांदगांव,दिगंबर जैन तीर्थ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ मे शनिवार शरद पूर्णिमा 28 अक्तूबर के अवसर पर एक अनूठी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है जिसमे जैनाचार्य विद्यासागर जी महाराज के जन्मोत्सव पर भारतीय डाक विभाग द्वारा अब तक के प्रकाशित संपूर्ण विशेष डाक आवरण का पहली बार एक साथ प्रदर्शन किया जाएगा। इन आवरणों का अनूठा संग्रह राजनांदगांव के ग्रैंड मास्टर ऑफ इंडियन फिलाटैली अवार्ड से सम्मानित तेजकरण जैन ने किया है। जैन ने आचार्य श्री के जीवन दर्शन को “जिन उपासना, जनशांति और जनशक्ति का त्रिवेणी संगम है” के आधार पर इस संकलन को प्रदर्शित किया है। उल्लेखनीय है कि दिगंबर जैनाचार्य विद्यासागर जी इन दिनों चन्द्रगिरी तीर्थ मे चातुर्मास हेतु विराजमान है। जैनिज्म फिलाटैली ग्रुप के राष्ट्रीय समन्वयक जैन ने बताया कि इस प्रदर्शनी मे आचार्य श्री के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विभिन्न पहलुओं जैसे संयम कीर्ति स्तम्भ निर्माण,प्रतिभास्थली कन्या आवासीय विद्यालय, दयोदय गौशाला, भाग्योदय (एलोपैथिक) चिकित्सालय, पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय, शांतिधारा गौ संवर्धन, साहित्य सृजन मुकमाटी, राष्ट्रभाषा हिंदी, स्वावलंबन आंदोलन हथकरघा, भारत को भारत बोलो इंडिया नही, आदि पर प्रकाशित 203 विशेष आवरणों जिन्हे

संयम स्वर्ण महोत्सव एवं संस्कृति शासनाचार्य स्वर्ण महोत्सव वर्ष पर भारत के 21 राज्यों मे निवासरत जैन अनुयायियों द्वारा प्रकाशित कराया गया है। जैन ने बताया कि स्वतंत्र भारत मे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बाद विद्यासागर जी महाराज के सेवा प्रकल्पों पर सर्वाधिक विशेष आवरणों का प्रकाशन भारतीय डाक विभाग के अनुमोदन से हुआ है।

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