जिला किसान संघ राजनांदगांव
वनांचल से किसानों का ऐलान
बोरतलाव/ अगली प्रदेश सरकार को धान की कीमत प्रति क्विंटल चार हजार रू एवं तेन्दूपत्ता की कीमत प्रति मानक बोरा आठ हजार रू. देना होगा । शानिवर को किसान ऐलान अभियान के तहत वनांचल के किसानों ने हुंकार भरी ।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश किसान संघ द्वारा आगामी पांच सालों में अन्न निर्भर व वन निर्भर किसान मजदूरों के हित में भावी प्रदेश सरकार द्वारा अच्छे से काम किया जाना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अक्टूबर 2022 से किसान ऐलान अभियान चलाया जा रहा है । इस अभियान के मध्यम से आगामी पांच सालों में किए जाने वाले कार्यो एवं मुद्दों को तय कर चुनाव पूर्व समाज एवं राजनीतिक पार्टीयों के समक्ष किसानों का घोषणा पत्र के रूप में रखा जाना है । जिसे आगे प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत द्वारा जारी किया जायेगा।
अभियान को प्रदेश भर में प्रसारित करने कवायद –
प्रदेश किसान संघ द्वारा चुनाव पूर्व किसान ऐलान अभियान को प्रदेश व्यापी बनाने, किसान महापंचायत रैली, सभा, एवं यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है इसी क्रम में शनिवार को बोरतलाव बाजार में नुक्कड़ सभा का आयोजन कर बाजार में नारेबाजी एवं पर्ची विवतण किया गया ।
ये है प्रमुख मुद्दे – अन्न निर्भर किसानों के लिए न्यूनतम 4 हजार रू प्रति क्विंटल की दर से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी । किसानों की कर्ज माफी, राज्य पोषित व्यक्तिगत फसल बीमा योजना, आवारा पशुओ से फसल सुरक्षा हेतु फसल रक्षको की तैनाती, आदि मुद्दे प्रमुख है । वन निर्भर किसानों के लिए तेन्दूपत्ता की कीमत 8 हजार रू मानक बोरा, वनोपज का मालिकाना ग्राम-सभा को देना, पेशा नियम में संशोधन कर ग्राम सभा की सर्वोच्चता पेशा कानून की भावना के अनुरूप करना, तीन साल के भीतर गांव के पारंपरिक सीमा के भीतर स्थित वन को वन अधिकार मान्यता कानून के अनुसार समाज को हस्तांरित करना, सभी कृषि फसलों एवं वनोपज को समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित करना आदि प्रमुख मुद्दे है । मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम 250 दिनों का रोजगार एवं कलेक्टर रेट से भुगतान । प्रति एकड़ प्रति फसल 40 मनरेगा मजदूर की उपलब्धता आदि प्रमुख मुद्दे है ।
मुद्दों पर रखी प्रतिनिधियों ने बात – नुक्कड़ सभा में किसान प्रतिनिधियों ने किसान ऐलान अभियान के मुद्दों पर बाते रखी । सुदेश टीकम ने कहा कि किसान हित के मुद्दों को छ.ग. में मुख्यधारा में स्थापित करने के संघर्ष में वनांचल के किसानों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है । अब आगे भी इसे मुख्यधारा में बनाए रखने इन्हे प्रमुख भूमिका निभानी होगी । किसान संघ प्रांरभ से ही अन्ननिर्भर किसानों के साथ-साथ वन निर्भर किसानों एवं मजदूरों के हित में संघर्षरत है । सभा को रमन कार्यकाल के दौरान मानपुर से राजधानी तक वनाधिकार यात्रा एवं चरण पादुका लेलो वन अधिकार दे दो अभियान में चरण पादुका लेकर राजनांदगांव स्थित मुख्यमंत्री निवास के लिए निकलने एवं हजारो किसानों को गिरफ्तार किए जाने की घटना की याद दिलाते हुए कहा कि आज भी संवैधानिक अधिकार के लिए संघर्ष की जरूरत है । अक्टूबर महिने से जारी किसान ऐलान अभियान के द्वारा भी लगातार इन मुद्दों को भी उठाया जा रहा है । प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी एवं 4 हजार रू से अधिक प्रति क्विंटल धान की कीमत के अभियान की ये बड़ी जीत है कि बजट सत्र के दौरान २० क्विंटल प्रति एकड़ खरीदी की घोषणा की गई । लेकिन इससे संतुष्ट होने की जरूरत नही है । कोई नही जानता अगली सरकार किसकी बनेगी । इसलिए चुनाव पूर्व सभी पार्टियों से अपनी मांगो पर कबूलतनामा लेना जरूरी है । किसानों की कर्जमाफी क्यों? किसानों की कर्जमाफी की मांग पर कहा गया कि आजादी के बाद से विभिन्न जिंसो की कीमतो एवं विभिन्न वर्गो की आमदनी 150 से 300 गुणी बढ़ी है लेकिन किसानों की उपज की कीमतें मात्र 15 से 30 गुणा ही बढ़ी है । विभिन्न अध्ययन बताते है पिछले 40 सालों से किसानों की आमदनी स्थिर बनी हुई है । ऐसे में किसानों के साथ ऐतिहासिक आर्थिक अन्याय एवं भेदभाव को दूर करना राज्य सरकार के बस की बात नही लेकिन इसे कम जरूर किया जा सकता है इसके लिए कर्जमाफी एक छोटा सा पर्याय है ।
ये है पांच साल के लिए बोनी करने का समय – चुनाव से पहले का समय मेहनतकशो के लिए काफी महत्वपूर्ण है लोकतंत्र में हम एक दिन के राजा है, वोट डालने के बाद हमारी कोई पूछ-परख नही होती इस लिए वोट देने के पहले हमें अपने पांच सालो का हक सुरक्षित कर लेना है । ये पांच साल की खेती का समय है । एक बार बोओ और पांच साल काटो । अगर किसान बोनी से चुके तो उसका क्या नुकसान होता है बताने की जरूरत नही है।
अभियान को घर-घर पहुंचाने का संलल्प- किसान ऐलान अभियान को घर-घर पहुंचाने का संकल्प लिया गया । मांगों की पर्ची घर के सामने चिपकाकर साथ में फोटो लेकर सोशल मीडिया में वायरल करने की अपील की गई । साथ ही सभी ये अपने संगे-संबंधी, परिचितों, रिश्तेदारों को अभियान से जोडऩे की अपील की गई । अभियान के तहत जिले एवं जिले से बाहर के आयोजन में भागीदारी करने गांव-गांव में तैयार रहने की अपील की गई ।
दो सालों के बोनस की उठी मंाग – रमन कार्यकाल के दो साल के धान बोनस का भुगतान कर अपना चुनावी वादा, तत्काल पूरा करने की मांग उठाई गई । साथ ही चेतावनी दी गई कि वादा खिलाफी की गई तो काफी महंगा पड़ेगा । आगे किसानों से बोनस आन्दोलन के लिए तैयार रहने की अपील भी की गई ।
वनांचल से बड़ी संख्या में पहुंचे किसान – किसान ऐलान अभियान में भाग लेने बोरतलाव, गांधीनगर, बागरेकसा, कउहापानी, लालकटिंग, बोडराटोला, ठाकुरटोला, चिद्दो, अण्डी, पनियाजोब, बरनारा, भुनियाटोला, बुढ़ान छापर, साल्हेटोला, खमपुरा, पीपरखार, पीटेपानी, छिन्दीजोब, कुरेछर आदि गांवो से बड़ी संख्या पहुँचे थे ।
सभा का संचालन मोती सिन्हा ने किया फगुवाराम साहू, विनेक मण्डावी जसवंत गावड़े, श्यामदास मड़ावी ने भी सभा को संबोधित किया । किसुन साहू, गैंदलाल वर्मा, बलराम धुर्वे, राजेन्द्र नेताम, रूपसिंग वर्मा, गैंद साहू, लखन साहू, फिरन्ता, रामू सोरी, रेवसिंह उइके, मनीराम कुमेटी, नोखल, विष्णु राम, अनुप मोहन, शिव, रघुनंदन, महावीर पटेल, नन्दू, अमीला, होमराज,रामचंद कवर, कन्हैया कोर्राम, देवसिंह नेताम ,श्याम सिंह, पेमन नेताम , आत्माराम,ईसरलाल नेताम, अशोक ठाकुर, राजकुमार निषाद, गिरधारी पटेल, चैनसिंह, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।
जारीकर्ता सुदेश टीकम –