राजनांदगांव / योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी अवसर पर श्री स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व
धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण की पूरे विधि विधान से पूजा की और पालने में रखकर नंद के लाला ,मदन गोपाला को झूले झुलाए ।इस दौरान उपस्थित महिलाओं ने सुन्दर- सुन्दर गीत भी गाए और भगवान श्री कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई। गायत्री शक्तिपीठ के ट्रस्टी बृजकिशोर सुरजन व सूर्यकांत चितलांग्या ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण महाभारत युद्ध के दौरान जो अर्जुन सहित पूरी दुनिया को अनुपम गीता ज्ञान दिया है। वह अद्वितीय है। भगवान श्री कृष्ण ने इस युद्ध के माध्यम से न केवल उस समय के आततायी, अत्याचारी राजाओं को गांडीव धारी अर्जुन के हाथों नाश करवाया, इन राजाओं के कारण खंड-खंड में बंटे भरत खंडे को एक कर महाभारत बनाया। उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं सहित पूरा उनका जीवन काल अधर्म का नाश व धर्म की स्थापना में लगा रहा । श्री कृष्ण जयंती अवसर पर शक्ति पीठ के परिव्राजको सुखनंदन,ब्रहमानंद, नृपाराम, देवशरण हरिशरण ओम प्रकाश आदि द्वारा भगवान श्री कृष्ण संबंधित भजन- कीर्तन का गान किया गया। वहीं एक कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन कर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूर्णाहुति प्रदान किया गया। इस अवसर पर विभिन्न संस्कार भी संपन्न किए गए जिसमे श्रीमती सृष्टि महोबिया, कांति सिंह, संजना, सुनीता ,सुरज ननकानी,धर्मैन्द्र भानुशाली आदि परिजनों के पुंसवन संस्कार, गर्भाधान संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार ,मुंडन संस्कार व अन्य संस्कार विधि विधान के साथ सम्पन्न किए गए। इस दौरान वेद माता आदि शक्ति मां गायत्री सहित परम पूज्य गुरुदेव श्री राम शर्मा आचार्य व वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा की पूजा अर्चना की गई और भगवान श्री कृष्ण की गीता ज्ञान को याद करते हुए सबकी भलाई के लिए प्रार्थना की गई। कार्यक्रम के अंत में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धनिया प्रसादी के वितरण किया गया। उक्ताशय की जानकारी शक्ति पीठ के मुख्य परिव्राजक ओमप्रकाश जी ने दी।