वसुधैव कुटुंबकम् नाटक का पूरे देश भर में मंचन
स्वदेशी मेले में भी बिखरा नाटक का जलवा
राजनांदगांव / भारत रंग महोत्सव के अंतर्गत मिनिस्टर आफ कल्चरल भारत सरकार के द्वारा ललित प्रकाश द्वारा लिखित नाटक वसुधैव कुटुंबकम् का पूरे देश भर में एक साथ मंचन किया गया। सभी भारतीय भाषाओं और क्षेत्रीय भाषाओं में खेले गए इस नाट्य मंचन के क्रम में स्टेट स्कूल मैदान में आयोजित स्वदेशी मेले में भी उक्त नाटक खेला गया जिसमें लोक सांस्कृतिक संस्था गोदना के कलाकारों ने नाटक कुटुंबकम् का रंगारंग मंंचन कर दर्शकों में खूब रंग जमाया और जमकर वाह -वाही पाई । नाटक के पात्रों के सधे हुए एक- एक डायलॉग ने लोगो से जमकर तालियां बटोरी । स्वदेशी मेले के भव्य मंच पर खेले गए इस 40 मिनट के प्ले में प्रमुख भूमिका राकेश इंदुभूषण ठाकुर , रामशरण वैष्णव , कुरेशी, चिराग, पायल, निर्मला, फातिमा सोलंकी भूषण नेताम,कोमल शाहिदा आदि ने निभाई। इसकी रिपोर्टिंग मिनिस्टरी आफ संस्कृति विभाग – नई दिल्ली को दी गई।
नाटक में प्राचीन भारत के सांस्कृतिक वैभव का दिग्दर्शन कराते हुए लो आ गई “सोने की चिड़िया” को विशेष तौर व्याख्यायित किया गया था। जिसमे नालंदा ,तक्षशिला ,विक्रम शिला विश्व विद्यालयों का विशेष रुप जिक्र था और भारत के ऋषि -मुनियों व ज्ञानी- ध्यानियो द्वारा आविष्कृत शून्य से लेकर दशमलव, गणित व वेद- पुराण के ज्ञान- ध्यान ,योग अध्यात्म को विश्व को दिया जाने वाला अस्त्र अनुदान को बड़े अच्छे ढंग से बताया गया। उस दौरान यह प्राचीन और सनातनी देश सोने की चिड़िया कहलाता था। उपरोक्त विशेषताओं को सूत्रधार के रुप में हजारों दर्शको को संबोधित करते हुए रंगधर्मी राकेश इंदुभूषण ठाकुर ने अपने डायलॉगों से माध्यम से उनमें विशेष छाप छोड़ी। इसी तरह नाटक के प्रमुख पात्र के रूप में लोक कलाकार व तबला वादक रामशरण वैष्णव ने भी अपने दोनों विधा में दर्शकों में विशेष छाप छोड़ने में सफल रहे।
नाटक वसुधैव कुटुंबकम् में नाचा कलाकार भूषण नेताम व्येंजो व हारमोनियम में वही छन्नू लाल साहू की भी महिला पात्र निर्मला फातिमा पायल शाहिदा आदि के साथ महत्वपूर्ण भूमिका रही। गोदना के ये कलाकार नाटक वसुधैव कुटुंबकम् को लेकर बिलासपुर प्रदर्शन करने जा रहे हैं। उक्ताशय की जानकारी ठाकुर राकेश इंदुभूषण द्वारा दी गई।